कैसे समझाऊ तुझे मैं, याद जो आये बार बार, भूल कर भूल जाने को, दिल नहीं देता साथ यार। तु रहे सलामत, भरे खुशियों से तेरा आंगन, यही दुआ तो, तुम सबने मांगी थी यार। हूँ अकेली पर ख्याल, पल भर में कैसे मिटाऊँ माँ । कोई ना समझे तो नहीं था , कोई भी फर्क जरा, दिल दुःखाने में, तू भी पीछे कहा रही माँ। मैं भूल जाती सब , पर तुमने हाथ थामा कहा,माँ। ©jyoti rashmi ntl #alone #yaad #bhigiaankhe #7august2021