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जो आज हम खड़े है वो सपना उनका था जो आज हम महकेहै उ

जो आज हम खड़े है वो सपना उनका था
जो आज हम महकेहै उस फूल का बागीचा उनका था
स्वयं ने पत्थर और किचड़ सहकर शिक्षा का कमल खिलाया था
आई सावित्री ने स्त्री शिक्षा का प्रण प्राणों से बढकर निभाया था।
पहली महिला शिक्षिका थी जिसने कन्या शिक्षा के लिए कदम उठाया था

©Yogita Harne
  नमन सावित्रीबाई फूले
yogitaharne4457

Yogita Harne

Bronze Star
New Creator

नमन सावित्रीबाई फूले #जानकारी

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