झूठ आखिर दिखता कैसा है साहब जरा हमें भी बताओ क्योंकि जिस वक्त वह अपनी मोहब्बत का इजहार कर रहे थे हम ठहरे थोड़े पागल वहां सादगी में नजरे झुकाए खड़े थे kajal chouhan # झूठ आखिर में दिखता कैसा है साहब