#अधूरा ख्वाब #जुदाई की काली रातों से निकल कर,, तन्हाइयों की तेज धूप में पिघल कर,, फूल बनकर खिल गया हूं मैं,, आज मोहब्बत की राहों में बिखर कर,,!! #मुझ में मेरा कुछ ना रहा,, तुझ सा हो गया हूं तुझ से मिल कर,, तू ही तू अब शामिल है मुझ में,, खुद में, मैं रह गया सिमट कर,,!! #अपनी ही सिसकियों में जल कर,, अपने ही अश्कों से निखर कर,, निशान देख रहे हो जो हाथों पर मेरे,, आया हूं अपने ही ज़ख्मों को सिल कर,,!! #फूल बनकर खिल गया हूं मैं,, #आज मोहब्बत की राहों में बिखर कर,,!! #शिवम चौहान ©shivam chauhan #Anger