बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है | मौत से आँख मिलाने की जरूरत क्या है || सबको मालूम है बाहर की हवा है कातिल | फिर कातिल से उलझने की जरूरत क्या है || जिन्दगी हजार नियामत है, संभाल कर रखे | फिर कब्रगाहो को सजाने की जरूरत क्या है || दिल को बहलाने के लिये, घर में वजह काफी है | फिर गलियों में बेवजह भटकने की जरूरत क्या है|| --गुलज़ार #stay_home #lock_down