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गुलशन ने पूछा कलियो से, महकते गुलाब का राज मुस्कर

गुलशन ने पूछा कलियो से, महकते गुलाब का राज 
मुस्कराते होठो ने,निहारती आंखों से पर्दा किया फास

तपती रेत से गरमाती हो एडी जैसे
निहार रही हो राह बसंत की जैसे

डूबता सूरज करे अगले दिन उगने की तैयारी
चांद तारे कर रहे हो जैसे रात की पहरेदारी

बूंद बूंद को तरस रही हो नदिया प्यासी
मचल रही चिड़िया पाने को दाना डाली 

मौसम ले रहा हो जैसे अंगड़ाई
अन्नदाता से होनी ही फसल की कटाई

मौसम हो अनुकूल चाहे हो  प्रतिकूल हूं
करती हूं रखवाली, बनकर इनकी माली #Balancing in favorable and unfavorable condition.  काला बिलासपुरी #Devu Raj sheetal pandya मेरे शब्द Asha  Tarani Nayak(disha Indian).
गुलशन ने पूछा कलियो से, महकते गुलाब का राज 
मुस्कराते होठो ने,निहारती आंखों से पर्दा किया फास

तपती रेत से गरमाती हो एडी जैसे
निहार रही हो राह बसंत की जैसे

डूबता सूरज करे अगले दिन उगने की तैयारी
चांद तारे कर रहे हो जैसे रात की पहरेदारी

बूंद बूंद को तरस रही हो नदिया प्यासी
मचल रही चिड़िया पाने को दाना डाली 

मौसम ले रहा हो जैसे अंगड़ाई
अन्नदाता से होनी ही फसल की कटाई

मौसम हो अनुकूल चाहे हो  प्रतिकूल हूं
करती हूं रखवाली, बनकर इनकी माली #Balancing in favorable and unfavorable condition.  काला बिलासपुरी #Devu Raj sheetal pandya मेरे शब्द Asha  Tarani Nayak(disha Indian).