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White सावन की तरुणाई ने, तरुणाई को ललकारा है।। बू

White सावन की तरुणाई ने, 
तरुणाई को ललकारा है।।
बूंद-बूंद में इसने अपना,
यौवन आज उतारा है।।
दिल की धड़कन, रोम-रोम,
अपनी सीमाएँ तोड़ रहे।।
रिमझिम-रिमझिम बारिश ने,
कुछ ऐसा नशा उतारा है।।

©Shashank मणि Yadava "सनम"
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