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क्या बताऊँ उस पहचान को जो एक भगवान सी प्रतीत होती

क्या बताऊँ उस पहचान को जो एक भगवान सी प्रतीत होती है.
वो मुस्कुराता चेहरा और दिल में प्यार....
कोई और नहीं मेरे दादा जी हैं। पहली पंक्ति दादा जी के नाम
क्या बताऊँ उस पहचान को जो एक भगवान सी प्रतीत होती है.
वो मुस्कुराता चेहरा और दिल में प्यार....
कोई और नहीं मेरे दादा जी हैं। पहली पंक्ति दादा जी के नाम