जो नहीं है अब वो गुजर क्यों नहीं जाता बे राह-सी जिंदगी ये मंजिल-ए-खबर क्यों नहीं लाता दो कदम की दुरी फिर करीब क्यों नहीं आता धरती पर में हूं तू आसमां क्यों नहीं बनाता जो दौर है आज मेरा बदल क्यों नहीं जाता टुटा सा टुकड़ा मेरा संवर क्यों नहीं जाता बादलों के टुकड़ों को आसमां में क्यों नहीं दिखाता कल का दौर आज में क्यों नहीं समाता जो फूलों की बातें थी वो भंवर क्यों नहीं सुनाता इतने दिन गुजर गये है फिर माली क्यों नहीं आता कलियाँ तो अभी है तू भंवर क्यों नहीं लाता सब मिटा देने की ख्वाहिश में मंजिल क्यों नहीं बनाता ©rashmi98 #Nojoto #nojotoenglish #nojotohindi #nojotoshayari #nojotopoetry #nojotophoto #amarujalakavya #na