नदीम फर्रुख के अम्मी की चूत जो सुबह शाम जलती ही रहती जिसके जलने भर से कड़ाके की ठंड में भी your quote रण्डीबाजार में गर्मी महसूस होती उसका यूं अचानक बूझ जाना जैसे किसीने जलते चूल्हे में पानी डालने के बराबर है। पर पानी की तो उसकी मांग थी। उसी आस में तो जलती रहती नदीम फर्रुख के अम्मी की चूत ©Deep Bawara #साहित्य #चोर #mobile #हैकर #ब्लैकमेलर #Nojoto #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine