कांच पर जब चोट पड़ती है तो उसके पास दो रास्ते होते हैं #एक टूट कर बिखर जाना 😑 #दूजा चोट सहकर, संभलकर शीशा बनकर संवर जाना ✌️ बस कुछ ऐसी ही कहानी होती है इंसान की भी! 😑 या तो लोगों की बातों को दिल से लगा के बैठा रहे, सोचता रहे, परेशान रहे या फिर उससे कुछ सीख जाए और शीशे की तरह संवर जाए, और तब लोगों को अपनी अहमियत बताये! 🙂 --महेंद्र द्विवेदी ✒️ Wednesday #10/2/21 mahendradwivediji@gmail.com #SAD