जितना तुझे देखता हूं उतना तुझे और देखने की चाहत बढ़ती है. न जाने कैसे तेरे लिए मेरी मोहब्बत और बढ़ती है. तेरा हुसन भी खुदा ने क्या खूब कमाल बनाया है. मैं क्या दूं तेरी मिसाल खुदा ने तुझे बेमिसाल बनाया है. कभी पलट कर देखना और कभी तेरा देख कर पलट जाना. आखिर कहां से सीखी हो यह नजरों से दिल चुराना. सुना है वक्त के साथ हुस्न की शोहरत और भी बढ़ती है. न जाने कैसे तेरे लिए मेरी मोहब्बत और बढ़ती है IBA ©Imran Badshah Ali love poetry #Dark