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देवकी नन्दन, ब्रज के वन्दन            आरती तुम्हार

देवकी नन्दन, ब्रज के वन्दन
           आरती तुम्हारी ही, 
राधा की मोहन, मीरा गिरधर मन 
           आरती तुम्हारी ही, 
सुनो यशोदा नन्दन, सभी के वन्दन 
           हम भी तो हैं तुम्हारे जी, 
त्रिलोक के स्वामी, करुणा के धामी 
           तुमसे ही संसार हैं जी,
बोलो, किस विधि तुमको रिझाएं
           किस विधि तुमको अपना बनाएं
हे गिरधारी, श्याम बनवारी
           तुमसे ही जीवन सार हैं जी
नैयनो में तेरे प्रेम का सागर, 
           मुख में अमृत राज हैं, 
तेरी कृपा छाया में भगवान, 
           जीवन सुगम और साज हैं 
तुमसे ये जीवन कहानी हैं, 
           तुमसे मेरी जिंदगानी हैं, 
दुनिया मनमोहन दीवानी हैं, 
           तुझसे प्रीति लगानी हैं, 
मन सांवरिया, मोहन चाहे
           मन को रसिया, छलिया भाए 
किस विधि अपना हाल बताएं, 
           मनमोहन को मन की सुनाएं,
लीलाधारी, ओ गिरधारी
           इस मन की सुन लो, तुम हमारी
मेरी निगाहें तो प्रभु तक जाए, 
           और कहीं कुछ नजर ना आए, 
जीवन तराना, तुम बिन बेगाना 
           तुम संग ही हैं, ये जीवन सुहाना
आओ मधुसूदन, मिलने मनमोहन
           हदय की ये पुकार हैं, 
इस मन में बार-बार हैं....

©Divyanshi Triguna "Radhika"
  #NojotoHindi #आरतीमनमोहनकी