चार दिन का नशा था अब कर पाऊंगा नही... पैसो की कहानी थी तुझे समझाऊंगा नही... गुजारूंगा जागकर राते तुझे हाल बताऊंगा नही... हादसो से भरी हे कहानी तुझे सुनाऊंगा नही... तुम जान होगी पैसोवालो की पर दिलसे ए-बात केहता हू मे याद अब रोज आऊंगा पर पर मिंलूगा नही.... #युगेंद्र अशोक काकडे ©Yugendra Kakade #पैसा #SAD