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हर रोशनी बे-नूर है मेरे घर की, माँ जिसमे तेरी परछा

हर रोशनी बे-नूर है मेरे घर की,
माँ जिसमे तेरी परछाई ना दिखे। दीपों का आज त्योहार है,
माँ तेरे बिन सब उजाड़ है।
लौट के आ जाओ तुम जल्द,
बस घर को तुम्हरा इंतज़ार है।

माँ, तुम्हारा बच्चा,
पवन
हर रोशनी बे-नूर है मेरे घर की,
माँ जिसमे तेरी परछाई ना दिखे। दीपों का आज त्योहार है,
माँ तेरे बिन सब उजाड़ है।
लौट के आ जाओ तुम जल्द,
बस घर को तुम्हरा इंतज़ार है।

माँ, तुम्हारा बच्चा,
पवन