आज याद आये वोह दिन।।। आज याद आए वो दिन, जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ता था।।। बारीश के इस मौसम में, न जाने क्यों दिल महका था।।।। रात को जब नींद ना आती, तोह माँ की गोदीमें सोता था।।।। खेल कूद और खुशी के अलावा, मैं ना कुच तब जानता था।।।। जिंदगी बेहद खूबसूरत है, ऐसा कुछ मान ना था।।।।। वक्त के साथ सब बिखर गया, शायद गलत चुना मैंने ये रास्ता था।।।। तेज़ गिरती बूंदो ने, याद दिलाया बरसों पुराना सपना था।।।। एहसास होने पे रो दिए, क्योंकि संग ना आज कोई अपना था।।।। दिल टूटने का दर्द , मैंने बचपनमें ही देखा था।।।। दादी गूजर जाने पे, मैंने माँ को रोते देखा था।।।। दो तीन साल पहले, एक लडक़ी से मोहब्बत कर बैठा था।।।।। रिश्ता तोह रहा नहीं, पर उसके ख्वाब लिए आगे बढ़ता था।।।। लिखते लिखते जैसे, हर वोह पल याद करता था।।।। मैं वक्त के पीछे चल रहे, उन चीजों से रोज लढता था।।।। आज याद आए वो दिन, जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ता था।।। बारीश के इस मौसम में, न जाने क्यों दिल महका था।।।। TBC ©shailesh_d_one #nojoto #nojotohindi #poem #life #relationship #childhood #thoughts #love #emotions #hindi #story #poetry