आराम है कुछ काम है, कुछ ये करूं कुछ वो करूं। कुछ भागता कुछ ठहरता, फिर उड़ पड़ूं या गिर पड़ूं। है वही विथामान जिसको, ढूंढता मैं फिर रहा। इसे पास लूं थोड़ा सांस लूं, ये भी करूं वो भी करूं। ©Jitendra Suryavanshi #WorkOn #JitendraSuryavanshi