वो रात,चाँद और तन्हाई (Read in caption) ❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇ चाँद की ख़िदमत में जगमगाते तारे थे हाजिर इज़हार-ए-उल्फत कर रहा था चाँद जाहिर सुहानी वो रात थी एक आनंद दायक एहसास पर मैं तो खुद को तन्हा कर बन बैठी थी उदास