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उसूलों में बंधी थी यूँ जिन्दगी, खामखां जरूरतें ख्

उसूलों में बंधी थी यूँ जिन्दगी, 
खामखां जरूरतें ख्वाहिश से बढ़कर रही! 
सोचा उम्र छोटी, कहीं सोच छोटी न समझों, 
हम नादान है बहुत मगर हमारी मेहनत का न छीनों! 
कुसूर नहीं उस तकदीर लिखने वाले का, 
जब तोहफे में खुद ही खुबसूरत हंसी मांगी थी! 
क्यों तराशते गए वो हीरा,
जब नसीब में वो पत्थर ही लिखा था॥

©Mamta Thakur give a little but give a good. 

#achieve
उसूलों में बंधी थी यूँ जिन्दगी, 
खामखां जरूरतें ख्वाहिश से बढ़कर रही! 
सोचा उम्र छोटी, कहीं सोच छोटी न समझों, 
हम नादान है बहुत मगर हमारी मेहनत का न छीनों! 
कुसूर नहीं उस तकदीर लिखने वाले का, 
जब तोहफे में खुद ही खुबसूरत हंसी मांगी थी! 
क्यों तराशते गए वो हीरा,
जब नसीब में वो पत्थर ही लिखा था॥

©Mamta Thakur give a little but give a good. 

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mamtathakur5487

Mamta Thakur

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