मैं कौन हूं....! खुद को पहचान लूं, चेहरे से नकाब उतार दिल के आइने में झांक खुद को निहार लूं! दिखावें की बंदीसे तोड़ खुद को पुकार लूं! बिन रोए, बिन हारे, बिन टूटे दुनिया के सामने सबकुछ संभाल लूं चेहरे पे मुस्कान लूं। कुछ देर दिन के उजाले को छोड़कर अंधेरे का दामन थाम लूं, अपनी आंखें मूंद अंधियारी को चूम लूं। दबी आवाज में खुद को पुकार लूं, दिखावे की चादर हटा जख्मों पे पड़ी परत को निहार लूं। दिल के किसी कोने में क़ैद पड़ी ख्वायिसों को संभाल लू, फिर से थोड़ा मुस्कुराकर रो लूं । मैं सच में कौन हूं खुद को पहचान लूं।,। ©saumya #findyourself #खुद_की_तलाश #खुद_को_पहचान_लूं