पीठ पीछे कर के pri-प्लानिंग ये रेप को अंज़ाम देते हैं। गीदड़ हैं ये जो भीङ में, शेरनी पर वार करते हैं।। होकर 4,6,8,10 इकट्ठा ये मर्द बनते हैं? सौंप कर मुझे आग में ये अपनी ज़िंदगी के khuaab बुनते ह! लानत है उस कोख पर जिससे तूने जन्म लिया है खेर क्या कसूर उस माँ का क्या पता उसे कि ये बेटा है या दरिन्दा है #stoprap #nojoto #hindipoem