लिखकर दास्तान-ए-मोहब्बत, हम हर रोज़ मिटाया करते हैं........... अब किस्से अपनी मोहब्बत के, हम महफ़िलों में सुनाया करते हैं....... उनसे बात नहीं होती है हमारी, ये राज़ सबसे छुपाया करते हैं.......... सब उसको कहते हैं बेवफ़ा उसे, हम अपना महबूब बताया करते हैं..... ©Poet Maddy लिखकर दास्तान-ए-मोहब्बत, हम हर रोज़ मिटाया करते हैं........... #Story#Love#Write#Erase#Narrate#Gathering#Hide#Secret#Call#Disloyal...............