White सरहद यादों की तोड़ कर, जोड़ कर दिल को तुम्हारे दिल से..! मिले हो तुम बन मुकद्दर मेरा, सनम यूँ बड़ी मुश्किल से..! एक शाम सुरमई तुम्हारे नाम, पैग़ाम मोहब्बत का पहुँचाना चाहा..! जो लिखे थे गीत तुम पर ऐ मीत, न पहुँचा सके तुम तक महफ़िल से..! यादों में ग़ुमसुम कुछ यूँ हम तुम, कहने को तो हैं काबिल से..! डूबती ज़िन्दगी है पार लगानी, इश्क़ मोहब्बत के साहिल से..! ©SHIVA KANT(Shayar) #Sarhad