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माना कि न गहराई हूँ न तो समंदर पर इल्ज़ामों के शहर

माना कि न गहराई हूँ न तो समंदर
पर इल्ज़ामों के शहर भला कौन बच पाया है।
तभी तो सच्चे इंसान ने अपनी इंसानियत से हर वक़्त अपनी पहचान दुनिया को दिखाई है।

©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #जीतकीनादानकलमसे #इन्सानियत 

#welove
माना कि न गहराई हूँ न तो समंदर
पर इल्ज़ामों के शहर भला कौन बच पाया है।
तभी तो सच्चे इंसान ने अपनी इंसानियत से हर वक़्त अपनी पहचान दुनिया को दिखाई है।

©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #जीतकीनादानकलमसे #इन्सानियत 

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