जिंदगी हसरतों का एक समंदर है, हर कोई डूबा रहता इसके अंदर है। हसरतें चाहे जितनी भी पूरी कर ले कोई, हसरतें कभी पूरी नहीं होती। एक हसरत पूरी होते ही, दूसरी नयी हसरत मन में सर उठाने लगती है। हर हसरत को आखरी समझकर पूरा करते हैं, हसरतें भी मुस्कुराती हैं। हसरतें पूरी करते-करते हमने पूरी जिंदगी बिता दी, हसरतें पूरी नहीं हुई। ख्वाहिशों की बगिया ने, हर बार एक नया फूल खिला दिया संतुष्ट न हुई। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 के प्रतियोगिता:-102 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।