फ़रियाद दिल की (ग़ज़ल) फ़रियाद मेरे दिल की करता बस यही। एक बार तुम आकार मिलो तो सही। मेरे दिल की धड़कनें तेरा इंतज़ार कर थकीं। ढूँढती फिरे मेरी आँखें तुम्हें हर पल हर घड़ी। तेरी मोहब्बत में आज भी मैं वहीं हूंँ खड़ी। जहांँ तुमने किए थे हजारों वादे बड़ी बड़ी। तेरे वास्ते मैं ख़ुद से दुनिया से अकेले ही लड़ी। हाथ थाम लो मेरा अब मोहब्बत साबित करनी की तेरी है बारी। रचना नंबर 4 फ़रियाद दिल की (ग़ज़ल) #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #kkpc24 #विशेषप्रतियोगिता #फरियाददिलकी #similethoughts #yqdidi