गुज़रा हुआ सा किस्सा है, जो कुछ बाकी है मुझमें, तेरा ही तो हिस्सा है... लबों पे ख़ामोशी होठों पर मुस्कान बाकी है, तेरे बगैर कुछ नहीं अब इस दुनिया में, मेरा बस जाना शमशान बाकी है.... रूखसती का मेरी वक्त पास ही है बस, तेरे इश्क में भूल चुका था सब, सुना है, मुहब्बत का कुछ इम्तेहान बाकी है!! ©Vivek Sharma Bhardwaj #मुहब्बत #मुहब्बत_की_बातें #इम्तेहान