अपनी अपनी मंज़िलें अपनी अपनी राहें है मेरे शहर के लोगों के मुझसे फेरी निगाहें है * अपनी अपनी * अपनी अपनी मंज़िलें अपनी अपनी राहें है मेरे शहर के लोगों के मुझसे फेरी निगाहें है ऊँचा दर मेरे यार के दिल की मोब्बत का लगा गले मुझ को तपाक से खोली बाहें है