ईश्क के दर्द दिल से निकाल लो फस रहा हूं बीच भवर में अब तो सम्भाल लो। अब ना कोई सिकवा ना सिकाय त होगी इक तु ते दूजा तेरी ईश्क की रिवायत होगी मार देना ठोकर बेशक दिल पे मेरे पर तुमसे ना कोई sikayt होगी । 🥺🥺🥺🥺 .....✍️ साधु बाबा संभाल लो