बारिश की बूँद हैं या कोई अनछूई सी गूंज हैं तप रहा हैं सर्द आलम भी आज कुछ बेख़ौफ़ सा मन की डोर टूट टूट बिखर रही यूँ हवाओं में सूनापन हैं इन नैनों में जो भीगी भीगी तरस रही हैं! ©श्रद्धा - एक गहरा समुन्दर #mondaymood #good_morning_quotes #13thofjan_25 #hindiquotes #hindiwriters #gyanoftheday #mypen#mylines #mycreations