आसान था दिमाग के राह पर चलना, शिखर पर पहुँच मंजिल का पताका लहराते बस कमबख्त दिल ने मक्कारी, और धोखे के लिए मना कर के बीज ये इन्सानियत का ख़ूब बोया है मन समझ समझ कर पछताया रोया है हम भी थे काम के "रूप" सुन लो किस्मत ने नही दिल ने डुबोया है ये ज़िन्दगी का दरिया हम पार कर ही जाते अफ़सोस, किनारे पर दिल ने हमें डुबोया #दिलनेडुबोया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi