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ना चाहूं मैं जग की माया ना ही रूप ना सुंदर काया ते

ना चाहूं मैं जग की माया
ना ही रूप ना सुंदर काया
तेरी कृपा का मोहन प्यारे...
बना रहे बस मुझ पर साया।। कान्हा.....
ना चाहूं मैं जग की माया
ना ही रूप ना सुंदर काया
तेरी कृपा का मोहन प्यारे...
बना रहे बस मुझ पर साया।। कान्हा.....

कान्हा.....