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आजकल इच्छाओं में ठहराव नहीं है मिलन तो है लेकिन वो

आजकल इच्छाओं में ठहराव नहीं है
मिलन तो है लेकिन वो लगाव नहीं है
स्वप्निल ज़िंदगी हम जीने लग गए हैं
प्रेम तो बहुत है मगर वो भाव नहीं है
आजकल इच्छाओं.....
आत्म मंथन कीजिए कारण क्या है
जबकी लोगों में ऊर्जा का अभाव नहीं है
आज के लोग पढ़े लिखे भी खूब हैं
पर सत्य का हृदय में बहाव नहीं है
आजकल इच्छाओं.....
बहुत कुछ तो बस दिखावा भर है
सत्य असत्य के बीच टकराव नहीं है
बदल दिया हमनें परिभाषा जीवन की
सब कुछ तो है "सूर्य" पर छांव नहीं है
आजकल इच्छाओं.....

©R K Mishra " सूर्य "
  #ठहराव  Puja Udeshi चाँदनी Ayesha Aarya Singh Anshu writer PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान'