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सब ख़ैरियत है कि वक़्त आज भी बेजुबां है जिन्हें वक़्त

सब ख़ैरियत है कि वक़्त आज भी बेजुबां है
जिन्हें वक़्त था कभी अब वक्त ये कहाँ है

ढल रही है उम्र और फसलों का है सफर
थोड़ा बोलचाल भी रखिये जिस वक्त भी जहाँ है
ज़िन्दगी-ए-सागर #ख़ैरियत#poetry
सब ख़ैरियत है कि वक़्त आज भी बेजुबां है
जिन्हें वक़्त था कभी अब वक्त ये कहाँ है

ढल रही है उम्र और फसलों का है सफर
थोड़ा बोलचाल भी रखिये जिस वक्त भी जहाँ है
ज़िन्दगी-ए-सागर
www.zindagiesagar.com
सब ख़ैरियत है कि वक़्त आज भी बेजुबां है
जिन्हें वक़्त था कभी अब वक्त ये कहाँ है

ढल रही है उम्र और फसलों का है सफर
थोड़ा बोलचाल भी रखिये जिस वक्त भी जहाँ है
ज़िन्दगी-ए-सागर #ख़ैरियत#poetry
सब ख़ैरियत है कि वक़्त आज भी बेजुबां है
जिन्हें वक़्त था कभी अब वक्त ये कहाँ है

ढल रही है उम्र और फसलों का है सफर
थोड़ा बोलचाल भी रखिये जिस वक्त भी जहाँ है
ज़िन्दगी-ए-सागर
www.zindagiesagar.com

#ख़ैरियत#Poetry सब ख़ैरियत है कि वक़्त आज भी बेजुबां है जिन्हें वक़्त था कभी अब वक्त ये कहाँ है ढल रही है उम्र और फसलों का है सफर थोड़ा बोलचाल भी रखिये जिस वक्त भी जहाँ है ज़िन्दगी-ए-सागर www.zindagiesagar.com #poem #SUMAN