चारों तरफ नफ़रतों के बाजार अब अच्छे नहीं लगते झूठ के मीठे बोल जानें क्यूँ कुछ अब अच्छे नहीं लगते मुझसे अब तुम ना करो प्यार की मीठी मीठी बातें इन प्यार की झूठी बातों के सहारे अब अच्छे नहीं लगते फकत जिन बातों से मुझे जिंदगी जीने का सलीका मिला उन्हीं लोगों के गंदे इशारे जाने क्यूँ अब अच्छे नहीं लगते बीच मझधार में मुझे छोड़ गये हो तुम जब से खड़े हो जिनके साथ साहिल पर अब अच्छे नहीं लगते जब तक तुम साथ थे सफ़र कितने अच्छे लगते थे इस हाल में छोड़ कर मत जाओ अब अच्छे नहीं लगते बुझा दो सब दीये मुझको तन्हाई में रहने दो तुम बहुत बेचैन हूँ आरिफ ये हाल अब अच्छे नहीं लगते।।।। #आरिफ