वन उपवन निधिवन मधुवन, एक बाँस अलापै राग यमन , कर सों पावन रज शीश धरन, खोजत ढूँढ़त फिरते वन वन । स्वर मधुर और ये तान मधुर, अधरन पे धरे मुस्कान मधुर , हो नाथ तुम्हीं मेरे मोहन, हे नाथ त्रिभंगी चपल चतुर ।। - रविन्द्र गंगवार श्याम की खोज