White *हर कोई चाहता है मेरा पेट भरे** हर कोई चाहता है, मेरा पेट भरे, फिर भी कोई नहीं, मेरा हाल समझे। खुद की चाहत में, सब हैं व्यस्त, कौन पूछता है, मेरा दिल है किस कष्ट। सपनों की दुनिया में, सब खोये हैं, पर मुझमें छिपी, तन्हाई को कौन जाने। संबंधों की चाह, मगर दिखती नहीं, क्या हूँ मैं यहाँ, ये तो कोई नहीं कहे। रिश्तों की मिठास, कब की खो गई, खुशियों की जगह, बस एक शोर सी हो गई। भूल गए हैं सब, मेरा नाम पूछना, सिर्फ दिखती हैं उन्हें, मेरी जरूरतें पूरी करना। मैं भी इंसान हूँ, एक कहानी का हिस्सा, कभी सुनो मेरी, नहीं तो रहूंगा बिसरा। हर कोई चाहता है, मेरा पेट भरे, पर कौन जानेगा, मेरा दिल क्या कहे? ©Shailendra Gond kavi #Sad_Status कविता #Shailendra_Gond_kavi #Nojoto