नहीं पसंद मुझे ये बेड़ियाँ तेरे इन पैरो मे, अब मना ना कर मुझे इनहे तोड़ने से, कर मुझपे भरोसा, बस दे तू मेरा साथ एक बार, था मै एक ख्वाब जो अब हू हकीकत, हाँ याद है मुझे मैंने ही कहा था, नहीं थी हिम्मत मुझमे उस वक़्त फिर से वो राह चुन्ने की, फिर से तुझसे प्यार करने की, पर अब जब तेरे साथ बीता लिये मैंने दो लम्हे, एक नई जान सी आ गई मुझमे, उम्मीद है देगी तू साथ मेरा, दूर होगा मेरी जिंदगी का अंधेरा | #yqbaba #yqdidi #sharaya #collab collaborating with Swati Keshari