बढ़ती उम्र का इश्क़, ढ़लती उम्र की ख़्वाहिशें खूबसूरत जिस्म नहीं खूबसूरत साथी ढूंढते हैं मरहवा न जाने इश्क़ कद्र कशीश कि कशीदे बेगैरत हैं वो जो इश्क़ में अय्याशी ढूंढते हैं । ©प्रमोद मिश्र "भागलपुरी" शायरी attitude शायरी हिंदी शायरी हिंदी में शेरो शायरी