ये दास्तां भी एक ग़ज़ल होती, मोहब्बत मेरी अगर फ़ज़ल होती। रुत सावन से ना होती पतझड़ की अगर मौसम में ना कोई बदल होती। कुछ और दूर तक चलता कारवां, जिंदगी अगर ना यूं अजल होती। इश्क़ का बयां क्या सोचा था मैंने, अगर मोहब्बत तेरी ना फदल होती। कहते हैं जिंदगी एक जंग की तरह है, जीत जाता मैं भी गर तू मेरे बगल होती। #hindighazal #mohabbat #ghazal #hindiwriters #hindiurduwriter #love #pyaar_ki_dastaan