याद है मुझे; मेरी उँगलियों की खाली जगह में; तेरी उँगलियों का आ जाना। मानो मुझसे कह रही हो, मैं हमेशा साथ हूँ; बस तुम साथ निभाना।। याद है मुझे; वो बस का सफ़र तेरे साथ, उतरना था मुझे तो कसके पकड़ लिया था तूने हाथ। याद है मुझे; तेरे कांधे में मेरा सिर का होना, कभी मेरे कांधे में तेरा सो जाना। जो पड़े खिड़की से धूप मेरे चेहरे पर, तो अपने दुपट्टे से मेरे लिए छाँव बनाना।। याद है मुझे; वो बस का सफ़र तेरे साथ, उतरना था मुझे तो कसके पकड़ लिया था तूने हाथ। याद है मुझे; वो रात का सफ़रनामा, कहीं सिर ना चकराए तो खूब बातें करना। कभी मेरी गोद में सो जाना, तो कभी मेरा सिर प्यार से सहलाना।। याद है मुझे; वो बस का सफ़र तेरे साथ, उतरना था मुझे तो कसके पकड़ लिया था तूने हाथ। ©vinnu बस का सफर❤️ . #Hindi #gajal #poem #Love