एक दिन रुखसत सबको होना है, पर सबने पकडा अपना कोना है, मै भी बोलु ,मैने नही मरना, पर श्वास है अंतिम,अब सोना है। पापि घडे है ,सब के सब भर चुके, भर भर के छलकोगे कब तक, समय ने सबको तोड जाना है। #विजय वासे ©VJVJ #Ambedkar