अकेले सुनसान जंगल में खुद को देखकर सबको यही लगता है, कि उन्हें कोई नहीं सुन और देख पा रहा है... खुले आंखों से देखोगे तो वही दिखेगा ना... अपने मन की आंखों से देखकर तो देखो तब पता चलेगा.. यही कि जो दिखता है वो होता नहीं और जो नहीं दिखता वो होता है..वो कहते हैं ना दीवारों के भी कान होते हैं.. कहने का मतलब पेड़-पौधों के भी आंख कान होते हैं... चाहो तो आजमा कर देख लो.!! –Shobha..💫 #Feeling#Thought #Shobha#Narayan_Markam