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White आस-पास कितनी भीड़ है, पर जाने क्यों फिर भी अ

White आस-पास कितनी भीड़ है,
पर जाने क्यों फिर भी अकेले खड़े हैं।
माना शहर बड़ा है, शहर नया है,
अंजान रास्ते हैं, अजनबी लोग हैं।

इस अजनबी शहर में,
बातें करने को हजार लोग हैं,
पर तकलीफ़ सुनने वाला कोई नहीं।
साथ चलने के लिए कोई नहीं,
साथ निभाने के लिए कोई नहीं।
सब मतलबी हैं,
हाँ, सब मतलबी हैं...

चेहरे पर मुस्कान लिए फिरते है 
हाथों में खंजर है इनके
ये दोहरे चेहरे वाले लोग 
अपनेपन का दिखावा करने वाले लोग 
दोस्ती का नक़ाब लिए फिरते हैं

©Manisha #sad_quotes "अजनबी लोग "poetry lovers poetry quotes sad poetry hindi poetry poetry in hindi
White आस-पास कितनी भीड़ है,
पर जाने क्यों फिर भी अकेले खड़े हैं।
माना शहर बड़ा है, शहर नया है,
अंजान रास्ते हैं, अजनबी लोग हैं।

इस अजनबी शहर में,
बातें करने को हजार लोग हैं,
पर तकलीफ़ सुनने वाला कोई नहीं।
साथ चलने के लिए कोई नहीं,
साथ निभाने के लिए कोई नहीं।
सब मतलबी हैं,
हाँ, सब मतलबी हैं...

चेहरे पर मुस्कान लिए फिरते है 
हाथों में खंजर है इनके
ये दोहरे चेहरे वाले लोग 
अपनेपन का दिखावा करने वाले लोग 
दोस्ती का नक़ाब लिए फिरते हैं

©Manisha #sad_quotes "अजनबी लोग "poetry lovers poetry quotes sad poetry hindi poetry poetry in hindi
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