जख्मो से आज, फिर कुछ याद आया। ना जाने क्यूँ इन यादों के सिलसिलो का, खत्म होने का नाम ना आया। न जाने क्यूँ रुका सा हूँ, कही आगे चलने का ख्याल मुझे क्यूँ ना आया। ना जाने किस ओर चलूँ ? जो मंज़िल को पा जाऊ। ना जाने क्यूँ ? इन सारे, सवालो का जवाब ना आया। जिंदगी तो बीत रही है बीत ही जायेगी, तुझे क्यूँ ? आज मेरा ख्याल आया। अब जो आये हो , तो क्यूँ आये हो ? अब ना वो शाम है, और ना ही है वो रात। ना वो हम है, और ना हि है वो बात। मेरे जहन मे फिर, ये सवाल आया । ज़ख़्मो से आज फिर कुछ याद आया। Purani baat jo aksar Dil me reh jaati hai #poetry #broken_heart #julypoem #yqbaba #yqdidi #brokenheart #oldmemories #breakuppoetry