हर झोंका हवा का तेरी महक लाता हैं रातों को डूब जाती हैं आँखे तेरी यादों में और दिन हैं के इंतजार में कट जाता हैं हर रोज़ करता हूँ दिल से बातचीत के तु उसे भुल जा मगर दिल हैं के हर रोज़ तेरा ही राग छेड़ कर बैठ जाता हैं किसी काम के लायक नहीं रहा #दिप कमल ये कैसी हालत बना ली के हर रोज़ बस कोरे कागज़ और स्याही के साथ बैठ जाता हैं 31/1/2020 #life #full #pain #gam