..तमाम शय मुमकिन हों मुतालिक़ जमाल-ओ-जलाल से जिसके, वो यक़ता ज़ाहिद नहीं ख़ुदा नहीं बेशक़ ख़ुदा से कम भी नहीं..! .. खुशामदीद..💞 .. सूर्य नमस्कार बुतपरस्ती नहीं, तंदुरूस्ती का संचार है! (जमाल, माने सुन्दरता, जलाल माने प्रताप, ज़ाहिद माने अलगाव, विरक़ती और यकता माने अद्वितीय या अनुपम)