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तेरे इत्र की महक सारे आलम में है कभी उड़ी नहीं...


तेरे इत्र की महक सारे आलम में है कभी उड़ी नहीं...
वो ही जलन है कोई सोज़ ए दिल में कमी नहीं...
तेरा ही तस्सवुर तेरा ही नज़ारा है भीतर बाहर...
 इश्क़– ए –आग जो लगाई थी तुमने वो आग कभी बुझी नहीं....

©Swarnkar Ranjan
  #Yaad #Shayar #miscellaneous