ज़िन्दगी क्यों खिलवाड़ कर रही है,मेरे जज़्बातों से। तू अभी वाकिफ़ नहीं है,मेरे मजबूत इरादों से।। मैं तो तुझे गुनाहों की तरह अभी छोड़ सकता हूं। मग़र वहाँ कोई ज़िंदा है,मेरी इन चलती सांसों से।। B.P. Gautam #Heartbeat MERA DOST MERI ZINDAGI BUS TERE LIYE HIII TOH ABHI TAK ZINDA HU YRRR