ना अकल ,ना शकल, है हिय विकल । है पथ अचल, मगर हो तू भी अटल ।। फूल फूल शूल है,शंकर का त्रिशूल है। कर उसकी साधना, फिर शूल शूल फूल है ।। वो जो तेरे साथ है, सिर पे जिसका हाथ है। वो अंत है ,अनंत है, वो ही सबका मूल है ।। साकार है, निराकार है वो ही सब आकार है। व्यर्थ चिंता छोड़ मुरख, वो ही पालनहार है।। ©"Vibharshi" Ranjesh Singh #lightning महादेव #mahdev